श्री सिद्धबली धाम जहा भक्तो की मनोकामना पुरी होती हैं कभी कोई निराश नहीं जाता है वहा से |Shri Siddhbali Dham temple Kotdwar uttrakhand
पृथ्वी सौरमण्डल का एक ग्रह है जिसे धरती भी कहा जाता है।यह दूरी के आधार पर सूर्य से तीसरा ग्रह है। यह एक ऐसा ग्रह है जिस पर जीवन पाया जाता है।जहां आपको तरह-तरह के लोग ,धर्म,क्षेत्र ,खानपानऔर उनकी संस्कृति मिलती है | इस चैनल पर हम उनके धर्म,क्षेत्र ,खानपान,जीवन ,उनके रहन सहन और उनकी संस्कृति के बारे में जानेंगे | आशा करता हूं आप मेरे चैनल को सब्सक्राइब करके मेरा सहयोगी बनकर इस जीवन को बिल्कुल पास से महसूस करेंगे|
आइए आपको लेकर चलते हैं कोटद्वार उत्तराखंड के सिद्धबली बाबा मंदिर के दर्शन को और साथ के साथ
इसके पर्यटन स्थल के बारे में भी जानेंगे |
श्री सिद्धबली मंदिर कोटद्वार उत्तराखंड में खोह नदी के तट पर हनुमान जी महाराज का एक प्रसिद्ध मंदिर हैं।
श्री सिद्धबली मंदिर लैंसडाउन हिल स्टेशन से लगभग 37 किलोमीटर,नई दिल्ली से 210 किलोमीटर ,और हरिद्वार से 76 किलोमीटर
की दूरी पर स्थित हैं|
सिद्धबली बाबा मंदिर कोटद्वार उत्तराखंड के गढ़वाल में हिमालय के असाधारण दृश्य के साथ भगवान हनुमान की विशाल मूर्ति एक
चट्टान पर सुशौभित हैं। मंदिर के अंदर दो प्राकृतिक पिंडी स्थित हैं जिसमे से एक हनुमान जी महाराज और दूसरी गुरु गोरखनाथ का
नेतृत्व करती हैं। सिद्धबली मंदिर के बरामदे का नजारा बहुत आकर्षित और देखने लायक हैं। यहाँ से एक छोटी नदी को प्रवाहित
होते हुए और घुमावदार रास्ते भक्तो की उमड़ती हुई भीड़ को देखा जा सकता हैं जोकि लैंसडाउन हिल स्टेशन की ओर
यात्रा कर रहे होते हैं।
सिद्धबली मंदिर कोटद्वार का इतिहास:-
श्री सिद्धबली मंदिर कोटद्वार के इतिहास के बारे में जानने के बाद पता चलता हैं कि इस स्थान पर एक सिद्ध पुरुष को
तपस्या करने के बाद हनुमान जी महाराज की सिद्धि प्राप्त हुई थी। माना जाता हैं कि उस सिद्ध पुरुष ने हनुमान जी
महाराज की एक विशाल मूर्ती की स्थापना की थी और इसलिए इस स्थान का नाम सिद्धबली पड़ गया था।
इसके बाद ब्रिटिश शासन के दौरान एक british अधिकारी अपने घोड़े से यात्रा करते हुए जब सिद्धबली के
पास से गुजरा तो वह अचानक घोड़े से गिरकर बेहोश हो गया। लेकिन जब वह होश में आया
तो उसने बताया कि सिद्धबली की समाधी पर हनुमान जी महाराज का एक मंदिर बनाया जाए और
उसने गांव वालो को अपने सपने के बारे में बताया।
सिद्धबली मंदिर इन उत्तराखंड हिन्दू धर्म से सम्बंधित मंदिर हैं लेकिन यहाँ सभी धर्म के अनुयाई सिद्धबली बाबा के दर्शन के लिए
आते हैं। हनुमान जी महाराज के दर्शन करने के लिए मंदिर की 150 से अधिक सीढ़ियों का सफ़र तय करने के बाद
भक्त मंदिर में पहुंचते हैं। माना जाता हैं कि सिद्धबली मंदिर के द्वार से कभी कोई खाली हाथ नहीं लौटता हैं।
यदि आपकी भी कोई इक्षा अधूरी हैं तो एक बार सिद्धबली मंदिर की यात्रा का ख्याल मन में जरूर लाए।
सिद्धबली बाबा का भंडारा::::
सिद्धबली बाबा के मंदिर में भंडारा की परम्परा बहुत पहले से चली आ रही हैं।
इसके अनुसार भक्त अपनी मुराद पुरानी होने के उपरांत यहाँ भंडारा कराते हैं
और सभी को खाना खिलाते हैं। सिद्धबली बाबा के धाम में मंगलवार और रविवार
के दिन भंडारे का आयोजन किया जाता हैं।
सिद्धबली बाबा मंदिर में सुबह की आरती प्रातः 5 बजे और शाम की आरती 6:30 बजे होती हैं।
सिद्धबली बाबा का मंदिर भक्तो दर्शन और पूजा अर्चना करने के लिए सुबह 5 बजे से दोपहर के 2 बजे तक खुला रहता हैं।
इसके बाद एक घंटे के अन्तराल के बाद मंदिर दोपहर के 3 बजे से शाम के 8 बजे तक भक्तो के लिए खुला रहता हैं।
श्री सिद्धबली मंदिर कोटद्वार की यात्रा के लिए आप किसी समय जा सकते हैं क्योंकि सिद्धबली बाबा का धाम
भक्तो के लिए हमेशा खुला रहता हैं। लेकिन मंगलवार और रविवार के दिन यहाँ विशेष भंडारे का आयोजन किया जाता हैं।
यदि आप चाहे तो मंगलवार के दिन का चुनाव कर सकते हैं जोकि बजरंबली के भक्तो के लिए खास दिन होता है।
श्री सिद्धबली मंदिर कोटद्वार की यात्रा के दौरान हम उत्तराखंड राज्य का प्रसिद्ध भोजन का आनंद उठा सकते हैं
जोकि बहुत ही डिलीशियस होता हैं। यहां कई तरह के स्वादिष्ट व्यंजन पर्यटकों की महमान नवाजी के तैयार रहते हैं।
श्री सिद्धबली धाम के स्थानीय और इसके आसपास के भोजन में भांग की चटनी, गढ़वाल का पन्हा, कफुली, फानू,
बड़ी, चैन्सू, कंडाली का साग, कुमौनी रायता, आलू का झोल, डुबुक, झंगोरा की खीर, गुलगुला,
अर्सा और सिंगोरी के अलावा यहाँ की (Kotdwara Famous Sweets) मिठाइयाँ बहुत ही लौकप्रिय हैं।
श्री सिद्धबली मंदिर कोटद्वार जाने के लिए यदि आपने सड़क मार्ग का चुनाव किया हैं तो हम
आपको बता दें कि श्री सिद्धबली मंदिर कोटद्वार सड़क मार्ग के माध्यम से आसपास के शहरो से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं।
इसलिए आप बस या टैक्सी के माध्यम से भी श्री सिद्धबली मंदिर कोटद्वार आसानी से पहुँच जाएंगे।
श्री सिद्धबली मंदिर कोटद्वार की यात्रा के लिए यदि आपने रेलवे मार्ग का चुनाव किया हैं तो हम आपको बता दें
कि श्री सिद्धबली मंदिर कोटद्वार से लगभग 2 किलोमीटर (Sidhbali Temple Kotdwara Distance)
की दूरी पर कोटद्वार का रेलवे स्टेशन हैं। यहाँ से आप स्थानीय साधनों की मदद से मंदिर तक आसानी से पहुंच जाएंगे।
यदि कोटद्वार की यात्रा के लिए आपने हवाई मार्ग का चुनाव किया हैं तो हम आपको बता दें
कि श्री सिद्धबली मंदिर कोटद्वार के लिए फ्लाइट से कोई डायरेक्ट कनेक्टिविटी नही हैं।
लेकिन श्री सिद्धबली मंदिर कोटद्वार का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा जॉली ग्रांट एयरपोर्ट हैं जोकि देहरादून में स्थित हैं।
जॉली ग्रांट हवाई अड्डे से श्री सिद्धबली मंदिर कोटद्वार से लगभग 95 किलोमीटर की दूरी पर हैं।
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