वोयेजर प्रथम अंतरिक्ष यान | The Voyager Spacecraft,what voyager discovered After 42 Years In Interstellar Space?

voyager discovery After 42 Years In Interstellar Space?

वोयेजर प्रथम अंतरिक्ष यान एक 722 कि.ग्रा का रोबोटिक अंतरिक्ष प्रोब था। इसे 5 सितंबर, 1977  को लॉन्च किया गया था।वायेजर 1 अंतरिक्ष शोध यान एक 815 कि.ग्रा वजन का मानव रहित यान है जिसे हमारे सौर मंडल और उसके बाहर की खोज के लिये प्रक्षेपित किया गया था। । यह नासा का सबसे लम्बा अभियान है। इस यान ने गुरू और शनि ग्रहों की यात्रा की है और यह यान इन महाकाय ग्रहों के चन्द्रमाओं की तस्वीरें भेजने वाला पहला शोध यान है। वायेजर १ मानव निर्मित सबसे दूरी पर स्थित एक गतिशील वस्तु है और यह पृथ्वी और सूर्य दोनों से दूर अनंत अंतरिक्ष में अब भी गतिशील है। न्यू हॉराइज़ंस शोध यान जो इसके बाद छोड़ा गया था, वायेजर १ की तुलना में कम गति से चल रहा है इसलिये वह कभी भी वायेजर १ को पीछे नहीं छोड़ पायेगा।

यह यान 12 अगस्त2006 के दिन वायेजर सूर्य से लगभग १४.९६ x १० ९ किमी दूरी पर स्थित था और इस तरह वह हीलियोशेथ भाग में पहुंच चुका है। यह टर्मिनेशन शॉक सीमा को पार कर चुका है। यह वह सीमा है जहां सूर्य का गुरुत्व प्रभाव खत्म होना शूरू होता है और अंतरखगोलीय अंतरिक्ष प्रभाव प्रारंभ हो जाता है। यदि वायेजर १ हिलीयोपाज को पार करने के बाद भी कार्यशील रहता है तब वैज्ञानिकों को पहली बार अंतरखगोलीय माध्यम के सीधे मापे गये आंकड़े और दशा का पता चलेगा। इस दूरी से वायेजर 1 से भेजे गये संकेत पृथ्वी तक पहुंचने में 13 घंटे का समय लेते हैं। वायेजर 1 एक हायपरबोलिक पथ पर जा रहा है; इसने सौर मंडल के गुरुत्व से बाहर जाने योग्य गति प्राप्त कर ली है। वायेजर 1 अब सौर मंडल में कभी वापिस नहीं आयेगा। इसी स्थिति में पायोनियर 10, पायोनियर 11, वायेजर 2 भी हैं।

 वायजर यान दोनों रेडीयोधर्मी विद्युत निर्माण यंत्र से चल रहे हैं और अपने निर्धारित जीवन काल से अधिक कार्य कर चुके हैं। इन यानों की ऊर्जा निर्माण क्षमता इन्हें 2021 तक पृथ्वी तक संकेत भेजने में सक्षम रखने के लिये पर्याप्त है। वायेजर 1 को मैरीनर अभियान के मैरीनर 11 यान की तरह बनाया गया था। इसका निर्माण इस प्रकार से किया गया था, कि यह ग्रहों के गुरुत्वाकर्षण की सहायता से कम ईंधन का प्रयोग कर यात्रा कर सके। इस तकनीक के तहत ग्रहों के गुरुत्वाकर्षण के प्रयोग से यान की गति बढ़ायी जाती है।

12 अगस्त 2006 की स्थिति के अनुसार वायेजर सूर्य से 100 खगोलीय इकाई (astronomical unit)  की दूरी पर था। यह किसी भी ज्ञात प्राकृतिक सौर पिंड से भी दूर है, सेडना ९०३७७ भी सूर्य से ९० खगोलीय इकाई की दूरी पर था। वायेजर 1 से आने वाले संकेत जो प्रकाश गति से यात्रा करते हैं पृथ्वी तक पहुंचने में 13.7  घंटे ले रहे हैं। तुलना के लिये चन्द्रमा पृथ्वी से1.4 प्रकाश सेकंड दूरी पर, सूर्य 7.5 प्रकाश मिनिट दूरी पर और प्लूटो 5.5 प्रकाश घंटे की दूरी पर है। नवंबर 2005 में यह यान 17.2 किमी प्रति सेकंड की गति से यात्रा कर रहा था जो कि वायेजर 2 से 10 % ज्यादा है। यह किसी विशेष तारे की ओर नहीं जा रहा है लेकिन आज से 40000 वर्ष बाद यह जिराफ़ तारामंडल ( केमीलोपार्डीस/Camelopardis तारामंडल) के ग्लीज़ 445 तारे से लगभग 1.6 प्रकाश वर्ष(light year)  की दूरी से गुज़रेगा। इस काल में यह तारा स्वयं भी हमारी ओर तेज़ गति से आ रहा है और जब वॉयेजर प्रथम इस के पास से निकलेगा उस समय यह तारा हमारे सूरज से लगभग 3.45  प्रकाश वर्षों की दूरी पर होगा|

Present Status (from JPL NASA)

Voyager 1 is at a distance of 22.3 billion kilometers (149.0 AU) from the Sun.

Voyager 2 was at a distance of 18.5 billion kilometers (123.6 AU).

Voyager 1 is escaping the solar system at a speed of about 3.6 AU per year.
Voyager 2 is escaping the solar system at a speed of about 3.3 AU per year.

There are currently five science investigation teams participating in the Interstellar Mission. They are:

1. Magnetic field investigation
2. Low energy charged particle investigation
3. Cosmic ray investigation
4. Plasma Investigation (Voyager 2 only)
5. Plasma wave investigation

Five instruments onboard the Voyagers directly support the five science investigations. The five instruments are:

1. Magnetic field instrument (MAG)
2. Low energy charged particle instrument (LECP)
3. Cosmic ray instrument (CRS)
4. Plasma instrument (PLS)
5. Plasma wave instrument (PWS)

One other instrument is collecting data but does not have official science investigation associated with it:

6. Ultraviolet spectrometer subsystem (UVS), Voyager 1 only

Credits : Google image/NASA/WIKIPEDIA

video credits: Ridddle